कह देना यमराज को अपना सत्य, याद दिलाना उन्हें उस सावित्रि का वो प्रेम तू, कह देना यमराज को अपना सत्य, याद दिलाना उन्हें उस सावित्रि का वो प्रेम तू,
प्रकृति को अगर सताओगे तो बसंत कहां से पाओगे। प्रकृति को अगर सताओगे तो बसंत कहां से पाओगे।
विस्मित करता है मुझे मिट्टी का सख्त हो जाना। विस्मित करता है मुझे मिट्टी का सख्त हो जाना।
मन मस्तिक नीचे, छोटे छोटे दो कांच बिंदु । मन मस्तिक नीचे, छोटे छोटे दो कांच बिंदु ।
, जीवन सारा बीत गया। मैं जीतूं या न जीतूं, भाग्य मेरा जीत गया। , जीवन सारा बीत गया। मैं जीतूं या न जीतूं, भाग्य मेरा जीत गया।
खड़े हुए इस समय-श्रृंखला में हैं दोनों ही बंधे हुए... खड़े हुए इस समय-श्रृंखला में हैं दोनों ही बंधे हुए...